मार्च का महीना शुरू होते ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों में बसंत की बयार चलने लगती है, और खासतौर पर कुमाऊनी होली (Kumaoni Holi) का रंग पूरे क्षेत्र में बिखरने लगता है। यह पर्व बसंत पंचमी से ही बैठक होली (Baithak Holi) के रूप में प्रारंभ होता है, और होली एकादशी से खड़ी होली (Khadi Holi) की रौनक अपने चरम पर पहुंचती है।
कुमाऊनी होली (Kumaoni Holi) भारत की सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक होलियों में से एक मानी जाती है, जिसमें लोक भाषा और ब्रज भाषा का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। इस पर्व में कई भक्ति एवं श्रृंगार रस से भरपूर गीत गाए जाते हैं, जिनमें भगवान शिव को समर्पित एक बहुत ही लोकप्रिय होली गीत है –
Table of Contents
शिव के मन माहि बसे काशी (Shiv Ke Man Mahi Base Kashi) –
यह गीत विशेष रूप से महाशिवरात्रि और होली चतुर्दशी के अवसर पर शिवालयों में गाया जाता है –
शिव के मन माही बसे काशी – (2 बार)
आधी काशी में बामन बनिया,
आधी काशी में सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी
काही करन को बामन बनिया,
काही करन को सन्यासी।
शिव के मन माही बसे काशी।
पूजा करन को बामन बनिया,
सेवा करन को सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी।
काही को पूजे बामन बनिया,
काही को पूजे सन्यासी।
शिव के मनमाही बसे काशी।
देवी को पूजे बामन बनिया,
शिव को पूजे सन्यासी,
शिव के मन माहि बसे काशी।
क्या इच्छा पूजे बामन बनिया,
क्या इच्छा पूजे सन्यासी,
शिव के मनमाही बसे काशी
नव सिद्धि पूजे बामन बनिया,
अष्ट सिद्धि पूजे सन्यासी।
शिव के मन माहि बसे काशी।
इस कुमाऊनी होली गीत का भावार्थ (Meaning of This Kumaoni Holi Song) –
यह कुमाऊनी होली (Kumaoni Holi) गीत भगवान शिव की भक्ति को प्रकट करता है। इसके बोलों में यह बताया गया है कि भगवान शिव के हृदय में काशी का वास है।
गीत में आधी काशी में ब्राह्मण और बनिया रहते हैं, जबकि आधी काशी में सन्यासी रहते हैं। इस गीत में प्रश्न और उत्तर के रूप में एक संवाद है –
🔹 ब्राह्मण और बनिया क्या करते हैं?
🔹 वे पूजा करते हैं।
🔹 सन्यासी क्या करते हैं?
🔹 वे भगवान की सेवा करते हैं।
इस होली गीत (Holi Geet) में भगवान शिव की भक्ति से जुड़े मधुर संवादों को संजोया गया है, जो भजन की तरह गाया जाता है।
कुमाऊनी होली (Kumaoni Holi) की विशेषता –
- संस्कृति और परंपरा – यह गीत उत्तराखंड (Uttarakhand) की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है
- भक्ति भावना– भगवान शिव की महिमा और उनकी प्रिय नगरी काशी का उल्लेख मिलता है।
- संगीत और संवाद – इस गीत में भक्तों के बीच संवादात्मक शैली में भक्ति प्रकट की गई है।
अगर आप भी कुमाऊनी होली (Kumaoni Holi) के इन भक्तिमय गीतों का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसे जरूर सुनें और इस सांस्कृतिक धरोहर (Cultural Heritage) को संजोएं!
इसे भी पढ़े _
विश्व प्रसिद्ध है उत्तराखंड की सांस्कृतिक कुमाऊनी होली।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।