Sunday, May 21, 2023
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पोखु देवता मंदिर उत्तराखंड || पोखु देवता की कहानी || पोखु देवता उत्तरकाशी || Pokhu Devta Mandir ,Uttarkashi Uttarakhand || Uttarakhand Ke Devi devta || Pokhu devta Story in hindi

पोखु देवता मंदिर उत्तराखंड ,एक ऐसा अनोखा मंदिर जहाँ ,श्रद्धालुओं से लेकर पुजारी तक को देवता की मूर्ति के दर्शन करने की आज्ञा नहीं है। पुजारी और भक्तलोग  पीठ घुमा कर पूजा करते हैं। हमारे उत्तराखंड को यूँ ही नहीं देवभूमि  हैं। आस्था और चमत्कार के अजब गजब बातें और कहानियां यही सुनने और देखने को मिलती हैं। उत्तरकाशी के जिला मुख्यालय से करीबन 160 किलोमीटर दूर ,विकासखंड मोरी में ,टौंस नदी के पास ,सुपिन और रूपिन नदी के संगम में , नैटवाड़ गावं में पोखु  देवता का मंदिर स्थित है।( pokhu devta Story in hindi )

पोखु देवता के बारे में :-

पोखू देवता को इस क्षेत्र का क्षेत्रपाल या राजा माना जाता है।  इस क्षेत्र के प्रत्येक घर में पोखू देवता को दरातियों और चाकू के रूप में पूजा जाता है।  पोखु देवता इस क्षेत्र के क्षेत्रपाल होने के नाते , थोड़े कठोर स्वभाव के माने जाते हैं। वे अनुशाशन प्रिय और गलती करने वाले को दंड देते हैं। स्थानीय क्षेत्रवासी इन्हे न्याय के देवता पोखु के नाम से पूजते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार , पोखू देवता का मुँह पाताल के अंदर और बाकि धड़ धरती पर है।  अर्थात  यह देवता उल्टे हैं ,और उल्टी  स्थिति में इनके कमर से नीचे का भाग ,जो धरती पर है ,वह नग्न अवस्था में है। देवता या किसी को भी नग्नावस्था में देखना अशिष्टता होती है। इसलिए इस मंदिर में देवता को देखना और देख कर उनकी पूजा करना वर्जित है। ( pokhu devta story in hindi)

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इसलिए  सभी लोग इनकी पूजा पीठ घुमा कर करते हैं। इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है ,कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विपत्ति ,संकट  में पोखु देवता  रक्षा करते हैं। पोखु देवता को कर्ण देवता का प्रतिनिधि और भगवान् शिव का सेवक माना जाता है। नवम्बर महीने में इस मंदिर में भव्य क्षेत्रीय मेला लगता है। इस मेले में रात को यहाँ का पुजारी क्षेत्र के फसल उत्पादन और खुशहाली के  बारे में भविष्यवाणी करता है। और यह भविष्यवाणी हमेशा सच भी साबित होती है। इन्ही मान्यताओं  के कारण पोखु देवता का मंदिर एक स्थानीय  तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध है। पोखू देवता का मंदिर यहाँ आने वाले पर्यटकों  के  बीच विशेष आकर्षण का केंद्र है।

पोखु देवता को न्याय के देवता या पोखु राजा नाम से क्षेत्र में पूजित हैं। इनके बारे में कहते हैं कि जिसे कही न्याय नहीं  मिलता उसे पोखु देवता के दरबार में न्याय मिलता है। पोखु  देवता  भगवान् शिव के सेवक होने के नाते , इनका स्वरूप डरवाना माना जाता है।  और इन्हे कठोर स्वभाव वाला देवता माना जाता है। कहते हैं कि इनके क्षेत्र में कभी चोरी और अपराध नहीं होते हैं।

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पोखु  देवता मंदिर में पूजा पद्धत्ति :-

पोखु देवता मंदिर में पूजा पाठ की विधि भी अलग है। जैसा कि  हम अपने इस लेख में पहले ही बता चुके हैं कि  इस मंदिर में देवता के दर्शन करना वर्जित है। मंदिर में  मूर्ति की तरफ पीठ घुमा कर पूजा की जाती है। यहाँ सुबह शाम दो बार पूजा की जाती है। पूजा से पहले पुजारी रूपिन नदी में स्नान करके ,वहां से जल भर कर लाते हैं।  इसके बाद लगभग आधे घंटे तक ,ढोल के साथ मंदिर में पोखू देवता की पूजा होती है।

पोखु देवता

पोखु देवता की कहानी || पोखू देवता के बारे में प्रचलित दन्त कथा :-

पोखु देवता के बारे में अनेक लोककथाएं प्रचलित हैं। जिनमे से एक प्रचलित दन्त कथा के अनुसार ,किरमिर नामक एक दानव ने पुरे क्षेत्र में अत्यचार और हाहाकार मचाया हुवा था। तब दुर्योधन ने उससे युद्ध किया तथा उसे मारकर उसका सर धड़ से अलग करके टौंस नदी में डाल  दिया। किन्तु किरमिर राक्षश का सर उल्टी  दिशा में बहकर ,रूपिन और सुपिन नदियों के संगम में रुक गया। तब दुर्योधन ने दो नदियों के संगम ,नैटवाड़ गांव में ,किरमिर दानव की मंदिर स्थापना कर दी जो कालान्तर में पोखू  देवता बन गए। कुछ लोक कथाओं में किरमिर दानव महाभारत का ब्रभुवाहन को बताया गया है ,जिसका भगवान् कृष्ण ने चतुराई  से वध कर दिया था। उत्तराखंड में कई जगह कौरवों की पूजा भी की जाती है। इसी क्षेत्र  में दुर्योधन का मंदिर और कर्ण  का मंदिर भी स्थित है। पोखूवीर देवता को कर्ण  का प्रतिनिधि देवता मानते हैं।  जिससे इन दंतकथाओं की प्रमाणिकता बढ़ जाती है।

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पोखू देवता मंदिर कैसे जाएँ –

पोखू   देवता या पोखूवीर का मंदिर उत्तरकाशी के नैटवाड़ गांव में है।  यहाँ देहरादून विकास नगर ,त्यूणी  से होकर जाते हैं।  पोखू देवता मंदिर के नजदीक हवाई अड्डा देहरादून है।  और नजदीकी  रेलवे स्टेशन भी देहरादून में ही है। देहरादून से प्राचीन पोखू देवता मंदिर की दुरी लगभग 137.6 किमी है। और दिल्ली से पोखु देवता मंदिर की दुरी 408 .8 किलोमीटर है। पोखू देवता मंदिर जाने के लिए  देहरादून से चौपहिया वाहन का प्रयोग कर सकते हैं। ( pokhu devta temple )

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Tag – Devbhoomi darshan pokhu devta mandir .

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