Home संस्कृति लोकगीत पहाड़ी भजन लिरिक्स, माँ भगवती के कुमाउनी भजन लिरिक्स संकलन

पहाड़ी भजन लिरिक्स, माँ भगवती के कुमाउनी भजन लिरिक्स संकलन

कुमाऊनी पहाड़ी भजन लिरिक्स।

0
पहाड़ी भजन , देवी भगवती मैया

नवरात्रि में भजन गाने के लिए पहाड़ी भजन के लिरिक्स का एक संकलन पोस्ट कर रहे हैं। इसमे देवी भगवती मैया भजन लिरिक्स और मैया तेरी जय हो भजन लिरिक्स और जय हो मैया भवानी भजन लिरिक्स हैं ।

जय हो मैया भवानी कुमाऊनी भजन लिरिक्स :

माता के नवरात्रे शुरू हो रहे हैं और इसी खुशी में  माता के आर्शीवाद से माता की सेवा में एक कुमाऊनी भजन अर्पित करने की कोशिश की है। जय मैया भवानी के नाम से संकलित इस कुमाऊनी भजन के गायक श्री हिमांशु भंडारी जी हैं और इसके गीतकार श्री बिक्रम सिंह भंडारी जी हैं। श्री सागर शर्मा जी ने इसे अपने सुमधुर संगीत से सजाया है। और माता के कुमाऊनी भजन के निर्माता हैं श्री आनंद सिंह भंडारी जी हैं।

जय हो मैया भवानी कुमाऊनी भजन लिरिक्स :

जय हो मैया भवानी जय हो दुर्गा भवानी।
शिवजयू की लाडूली मेरी मैया भवानी।।
किभेली की लागिछो मेरी मैया भवानी।।
जोड़: हो लोग कूनी मैया सूणी सबूकी धाता।
हो जो लै फसू दुख जंजालम ऊ जोड़नी हाथा।।
जै हो मैया भवानी जै हो दुर्गा भवानी।
शिवज्यू की लडूली मेरी मैया भवानी।।
जोड़ 2 : हो फूली रैछो कांसा मैया ,फूली रैछो कांसा।
हो मैया त्यारा नाम जपूलों जब तक रैली सांसा।।
जय हो मैया भवानी ……..
जोड़ 3 : नान माणी मडुवा भरो ग्यूं भरो ठुल माणी ।
सब दुख दूर करि दी मैया तेरी मोत्यू की दाणी।।
जय हो मैया भवानी जय हो दुर्गा भवानी।
शिवजयू की लाडूली मेरी मैया भवानी।।
किभेली की लागिछो मेरी मैया भवानी।।

देवी भगवती मैया भजन लिरिक्स –

प्रस्तुत पहाड़ी भजन , कुमाऊनी भाषा के प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय श्री पवेंद्र सिंह कार्की उर्फ पप्पू कार्की जी द्वारा गया है। नवरात्रि 2021 में माता की भक्ति के लिए सर्वोत्तम भजन है।

देवी भगवती मैया
देवी भगवती मैया ,कोटगाड़ी की देवी मैया -2
दैण है जाए, दैण है जाए ….
त्यार दरवार आयु सुफल हाय्ये।
हो मैया ……..
देवी भगवती मैया ,कोटगाड़ी की देवी मैया -2
दैण है जाए, दैण है जाए।
त्यार दरवार आयु सुफल हाय्ये।

जय जय माँ ,जय जय माँ ,जय जय माँ, जय जय माँ..
हे नौ बैन्यू की दुर्गा तेरी पूजा करुलो।
हे नौ बैन्यू की दुर्गा तेरी पूजा करुलो।
ढोल दमो ली बेर त्यारा द्वारा में उलो।।
ढोल दमो ली बेर त्यारा द्वारा में उलो।।
दी जलोला ,निशाण देवी
दी जलोला ,निशाण देवी
तवीके चडूलो , तवीके चडूलो।।
त्यार दरबार आयूँ सुफल है जाए।
है दनोउ को अत्याचार जब जब भै छो
है दनोउ को अत्याचार जब जब भै छो
तब तब ते मैया ले जन्म ल्योछो।
तब तब ते मैया ले जन्म ल्योछो।
महिषासुर शुम्भ नि शुम्भ ,
महिषासुर शुम्भ निशुम्भ वध करछो।
वध करछो…….

त्यार दरबार आयूँ  सुफल हाय्ये…
जय माँ .. जय माँ …जय माँ ..
त्यार मैया भगतो की भीड़
त्यार मैया भगतो की भीड़ ।
हर मनेकी तू जानछे कै कसी पीड़
हर मनेकी तू जानछे कै कसी पीड़।।
दैण है जाए ईजा…..
दैण है जाए इजू……विनीति सुनिए ।
त्यार दरबार आयूँ सुफल है जाए।
त्यार दरबार आयूँ सुफल है जाए।।
हो मैया ….
देवी भगवती मैया ,कोटगाड़ी की देवी मैया -2
दैण है जाए, दैण है जाए ….
त्यार दरवार आयु सुफल हाय्ये

देवी भगवती मैया के गायक और गीत के बारे में –

  • गायक :- स्वर्गीय श्री पप्पू कार्की
  • गीत :-  स्वर्गीय पप्पू कार्की जी।
  • वीडियो लिंक :- देवी भगवती मैया गीत के वीडियो यहां देखें –

पहाड़ी भजन मैया तेरी जय हो लिरिक्स –

बोलो भगवती मैया की जय ……
ऊँचा धुरा रुनया मैया तेरी जै जै हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।।
ऊँचा धुरा रुनया मैया तेरी जै जै हो।
मैया तेरी जै जै हो मैया तेरी जै जै हो।।
तू भगवती , तू बाराही ,तू छे पूर्णागिरि माँ।
धारी देवी सुरकंडा तू ,तुई कुंजापुरी माँ।।
ऊँचा धुरा रुनया मैया तेरी जै जै हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।
आ ..आ .. हो..हो..

घर कुड़ी की पति रखछि सुणछि मैया घात।
घर कुड़ी की पति रखछि सुणछि मैया घात।
सौ सुखयार रख सबुके  सुफल करछी काज।।
सौ सुखयार रख सबुके  सुफल करछी काज।।
सुणछि मैया घात…..
सुफल करछी काज….
सुफल करछी काज….

तू गंगोत्री, तू यमुनोत्री , तुई चन्द्रबदनी माँ।
कामाख्या कसार देवी , तुई छै जयंती माँ।।
ऊँचा धुरा रुनया मैया तेरी जै जै हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।
आ. आ..आ….
ढोल दमुआ नगाड़ा, भाकर बाजी रया।
ढोल दमुआ नगाड़ा, भाकर बाजी रया।
तेरो डोलो छाजी रो मैया म्याल कौतिक लागी रया।।
तेरो डोलो छाजी रो मैया म्याल कौतिक लागी रया।।
भाकर बाजी रया….

म्याल कौतिक लागी रया….
म्याल कौतिक लागी रया….
तू महाकाली ,तू चंडिका ,तुई छै कोटगाड़ी माँ।
दुनागिरी संतला छै, तू नंदा सुनंदा माँ।।
ऊँचा धुरा रुनया मैया तेरी जै जै हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।
तू दैणी है जाए , म्यार कुले की देवी हो।।
आगहिल पाछिल आन बान , डोल छाजी रौ बीच मा।
आगहिल पाछिल आन बान , डोल छाजी रौ बीच मा।।
डोल भतेरा शक्ति तेरी हरछि सबुकी पीड़ माँ।
डोल भतेरा शक्ति तेरी हरछि सबुकी पीड़ माँ।

डोल छाजी रौ बीच मा…
हरछि सबुकी पीड़ माँ ….
तू झूमा धुरी ,तू मनसा माँ ,तू माता कनार।
फूल फूलनी होए माई आया त्यारा द्वार।।
ऊँचा धुरा रौनया मैया तेरी जय जय हो हो।
तू दैणी है जाए ……

गायक –  ज्योति उप्रेती सती

मां कसार देवी के अदभुत रहस्यों से रूबरू कराता यह डॉक्यूमेंट्री वीडियो अवश्य देखें :

इन्हे भी पढ़े _

Previous articleकार्तिक स्वामी मंदिर, कार्तिकेय को समर्पित उत्तराखंड का एकमात्र मंदिर
Next articleउत्तराखंड की लोक कथा “ओखली का भूत”
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

Exit mobile version