Tuesday, April 29, 2025
Homeकुछ खास1st अप्रैल को पहाड़वासी मनाते हैं ओण दिवस।

1st अप्रैल को पहाड़वासी मनाते हैं ओण दिवस।

ओण दिवस – 1990 दशक के बाद उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार आग लगने की घटनाएं लगातार बड़ी हैं। प्रतिवर्ष गर्मियों के सीजन में आग की घटनाओं से पहाड़ो के जलस्रोतों, जैवविविधता और पारिस्थितिक तंत्र को अपूर्णीय हानी होती है। प्रतिवर्ष सैकड़ो हैक्टेयर जंगल जल कर खाक हो जाते हैं।

जंगली वन्यजीवों को काफी नुकसान होता है। पूरा पारिस्थितिक तंत्र ही खराब हो जाता है। नदियां पानी की कमी से साल दर साल सूख रही हैं। कभी -कभी पहाड़ों के जंगलों की आग मानवीय बस्तियों की तरफ आ जाती हैं ,जिससे कई बार मानव जीवन भी खतरे में पद जाता है।

amazon great summer sale 2025

प्रतिवर्ष उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली इस आग के बचाव के लिए ,आग लगने वाले कारको पर विचार करके उन्हें रोकने या कम करने की कोशिश की जाती है। पहाड़ो के जंगलों में आग लगने के अनेक कारणों में से एक कारण है ओण या आयुण ,आड़ा ,आड़।

Hosting sale

ओण क्या है ? और कैसे पहाड़ों की आग का जिम्मेदार है –

वर्षा ऋतू के बाद या दौरान प्रकृति में  झाड़ियों और खरपतवार की संख्या बढ़ जाती है या यूँ कह सकते हैं कि झाड़ियों का आकार बढ़ जाता है और नई झाड़ियां उग जाती हैं। और बसंत के दौरान उनकी निरंतर वृद्धि होती है। जो फसली क्षेत्र या रास्तों को अवरुद्ध करने लगती है। जिसे खरीप की फसल की बुवाई से पहले लोग काट कर सुखाकर जला देते हैं। इसी प्रक्रिया को ओण जलाना कहते हैं।

ओण दिवस

चूकि खरीप की बुवाई अप्रैल मई में होती है और इसी दौरान आग की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। कई बार पहाड़ो की आग के लिए ये ओण प्रक्रिया भी जिम्मेदार होती है। पहाड़ों में खेत और जंगली क्षेत्र लगभग साथ -साथ होते हैं। कई बार महिलाएं बहुत सारे ओण एक साथ डाल देती हैं और सब उनसे एक साथ मैनेज नहीं होते हैं और आग फ़ैल जाती है। और कई बार एक ही ओण डालने पर भी लापरवाही में उसे ख़त्म समझ कर चली जाती हैं ,लेकिन बाद में हवा और अंधड़ के साथ आग फिर से सुलग कर फ़ैल जाती है।

Best Taxi Services in haldwani

ओण दिवस क्यों –

पहाड़ के जंगलों  में लगने वाली आग के अनेक जिम्मेदार कारकों में ओण प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण कारक है। चूकि यह पहाड़ों की खेतीबाड़ी से जुडी जरुरी प्रक्रिया होती है इसे बंद नहीं कर सकते हैं। इसलिए प्रतिवर्ष पहाड़ों में 1st अप्रैल को ओण दिवस मनाकर ,पहाड़ के लोगो में ओण जलाने की प्रक्रिया को समयबद्ध और व्यवस्थित करने के लिए जागरूक किया जाता है।

ओण दिवस गर्मियों पहाड़ो में लगने वाली आग के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए भी मनाया जाता है। सबसे पहले अल्मोड़ा जिले में  1st अप्रैल 2022 को ओण दिवस मनाया गया था। धीरे धीरे अब यह  लगभग पुरे प्रदेश पहाड़ी क्षेत्रों में मनाया जाने लगा है।

इन्हे भी पढ़े _

उमी – गेहू की हरी बालियों का स्वादिष्ट पहाड़ी स्नेक्स
झाकर सैम में स्वयं महादेव लोककल्याण के लिए आये सैम ज्यू के रूप में।
हमारे व्हाट्सप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments