इंदिरा अम्मा भोजनालय उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह योजना 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा शुरू की गई थी। इसका नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया हैं। इंदिरा अम्मा भोजनालय उत्तराखंड के सभी जिलों में उपलब्ध हैं। भोजनालय में भोजन करने के लिए कोई आय सीमा नहीं है। कोई भी यहा भोजन कर सकता हैं। यहा भोजन करने के लिए आपको कोई टोकन या कार्ड लेने की आवश्यकता नहीं है।
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इंदिरा अम्मा भोजनालय का संचालन:
भोजनालय का संचालन राज्य सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा किया जाता है। यह भोजनालय स्वयं सहायता समूहों द्वारा चलाए जाते हैं, जो महिलाओं को सशक्त बनाने में भी मदद करता है। यहा स्वच्छता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
भोजनालय की विशेषताएं:
- यहा भोजन की थाली केवल ₹20 में उपलब्ध है।
- थाली में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, और सलाद शामिल है।
- भोजन स्वच्छ और पौष्टिक होता है।
- भोजनालय सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं।
इंदिरा अम्मा भोजनालय का प्रभाव:
इंदिरा अम्मा भोजनालय ने गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह योजना गरीबों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मददगार साबित हुई है। यह योजना गरीबों को भोजन के लिए पैसे खर्च करने से बचाती है। यह योजना महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
भोजनालय की चुनौतियां:
- भोजनालय की संख्या अभी भी कम है।
- यहा भोजन की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है।
- भोजनालय में कर्मचारियों की कमी है।
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भविष्य की योजनाएं:
- सरकार भोजनालय की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।
- उत्तराखंड सरकार भोजनालय में भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने की योजना बना रही है।
- सरकार भोजनालय में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।
इंदिरा अम्मा भोजनालय गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एक वरदान है। यह योजना गरीबों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मददगार है। सरकार को इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए।