हरिद्वार: हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला खुर्द की ग्राम प्रधान रेशमा को जिलाधिकारी ने पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई प्रधान के तीसरी संतान होने के कारण की गई है। ग्राम पंचायत के अलीजान ने इस मामले में प्रधान के खिलाफ जांच की मांग की थी। जिलाधिकारी ने तहसीलदार हरिद्वार और खंड विकास अधिकारी बहादराबाद से जांच कराई। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार ने ग्राम प्रधान को अयोग्य घोषित कर दिया था।
प्रधान ने इस आदेश के खिलाफ मुख्य विकास अधिकारी से अपील की थी। जिस पर फिर से जांच हुई। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास की जांच के बाद ग्राम प्रधान को एक हफ्ते में कारण बताओ नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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यह घटना एक बार फिर उत्तराखंड में लागू दो बच्चे के नियम को याद दिलाती है। उत्तराखंड में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है। यह शर्त 2002 से ही लागू है। इस शर्त का उल्लंघन करने पर जन प्रतिनिधि को पद से हटाया जा सकता है।