Friday, May 23, 2025
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हिमाचल जल प्रलय के बीच हुआ ये चमत्कार ! यहां देखिए वीडियो ।

पिछले 4 दिन से समस्त भारत मे बारिश ने कहर बरपा रखा है। उत्तर भारत मे इसका सबसे ज्यादा असर हिमाचल में देखने को मिल रहा है। हिमाचल में जल प्रलय की स्थिति बनी हुई है। यहां के सभी जिलों में बारिश ने अपना कहर बरपा रखा है। और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी लगातार बारिश चल रही है। प्रशाशन ने 12 जुलाई तक का अलर्ट घोषित किया हुवा है।

वही हिमाचल की इस जल प्रलय के बीच हिमाचल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो एक प्राचीन मंदिर भीषण बाढ़ के बीच अडिग खड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मंदिर मंडी जिले का ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर का है। जो इस जल प्रलय के बीच में नजर आ रहा है। और व्यास नदी के रौद्र रूप से टक्कर ले रहा है।

हिमाचल जल प्रलय

जहां आधुनिक तकनीक से बने पुल ,भवन इस भीषण बाढ़ में आगे तिनके की तरह बह रहे हैं । और 150 साल पुराना यह मंदिर अडिग खड़ा है। कई लोगों का मानना है कि यह महादेव का चमत्कार है। केदारनाथ आपदा में भी यही स्थिति बनी थी। केदारनाथ मंदिर के सामने एक बड़ा पत्थर आकर रुक गया और प्रलय की जलधारा इधर – उधर बट गई थी।

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हिमाचल प्रलय के बीच चमत्कार का वीडियो यहां देखें – 

पंचवक्त्र महादेव मंदिर के बारे में :-

हिमाचल के मंडी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर 300 साल से ज्यादा पुराना है । इस मंदिर को उस समय के राजा सिद्ध सेन ने बनवाया था । इस मंदिर में महादेव की पंचमुखी प्रतिमा के कारण इसका नाम पंचवक्त्र महादेव मंदिर रखा गया है। इसमे सामने से तीन मुख दिखते हैं। यह मंदिर गुमनाम मूर्तिकार की कला का अदभुत नमूना है।  मंडी ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है ।दूर-दूर से लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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