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प्रतिभा थपलियाल, उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर भारत की तरफ से वर्ल्ड चैम्पयनशिप खेलेंगी।

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उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल का चयन नेपाल में होने वाले एशिया बड़ी बिल्डिंग चैम्पयनशिप और साउथ कोरिया में होने वाले वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के लिए हुवा है। उत्तराखंड की प्रतिभा थपलियाल का चयन छह से बारह सितम्बर नेपाल की राजधानी काठमांडू में होने वाली एशिया बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप तथा 30 अक्टूबर से 06 नवंबर तक होने वाली वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप साउथ कोरिया ,सिओल के लिए हुवा है।

प्रतिभा पुरे देश में एकलौती महिला हैं जिनका चयन इस प्रतियोगिता के लिए हुवा है। गोवा में बॉडी बिल्डर फेडरेशन की ओर आयोजित ट्रायल में लगभग 23 महिला बॉडी बिल्डरों ने अपनी प्रतिभा दिब्लड खाई। लेकिन उनमे से केवल उत्तराखंड की प्रतिभा थपलियाल का चयन हुवा।

प्रतिभा थपलियाल

कौन है प्रतिभा थपलियाल

उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर के नाम से मशहूर प्रतिभा थपलियाल उत्तराखंड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर ब्लॉक की निवासी है। प्रतिभा के पति भूपेश थपलियाल देहरादून में कपड़ों का व्यवसाय करते हैं। प्रतिभा के बॉडी बिल्डिंग क्षेत्र में जाने का कारण एक बीमारी रही। 2008 में जब प्रतिभा का दूसरा बेटा हुवा तो उसके बाद प्रतिभा थकान और कम प्रेशर का शिकार हो गई। लेकिन वो ऐसे ही काम करती रही और अपने पति का हाथ भी बटाते रही। 2014 में जब बर्दाश्त से बहार हो गया तो वो डॉक्टर के पास गई।  तब उन्हें पता चला कि उन्हें खतरनाक स्तर का थाइराइड है। दवाई से थाइराइड कंट्रोल हो गया लेकिन वजन काम करने के लिए उन्हें जिम ज्वाइन करना पड़ा।

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धीरे -धीरे उनके पति को लगने लगा कि प्रतिभा के शरीर में बॉडी बिल्डिंग की संभावनाएं है। तब उन्होंने बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता को ध्यान में रख कर जिम ज्वाइन करके तैयारी शुरू कर दी। उन्हें इस कार्य के लिए पति का पूरा साथ मिला।  इसी  का नतीजा था कि कुछ महीनों की तैयारी के बाद 2022 में  सिक्किम में हुई बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में प्रतिभा को चौथा स्थान मिला। साल 2023 में रतलाम में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर सबकी नजरों में छा गई। एशिया चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप में अब उत्तराखंड को ही नहीं समस्त भारत को प्रतिभा से उम्मीदें हैं।

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बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

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