देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित धन्यवाद एवं अभिनंदन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उपनल कर्मचारी महासंघ ने उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के लिए एक ठोस नीति बनाने की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री धामी ने इस अभिनंदन के लिए सभी उपनल कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वास्तव में इस सम्मान के हकदार प्रदेश की सवा करोड़ जनता है, जिन्होंने उन्हें राज्य की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही एक ठोस और प्रभावी नीति तैयार कर उपनल कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस नियमितीकरण से उपनल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और उनके आत्मसम्मान में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने उपनल के अधिकारियों और कर्मचारियों की वर्षों की निष्ठा और ईमानदारी से किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि धरने के दौरान उपनल कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मुकदमों की समीक्षा की जाएगी।
एक पूर्व सैनिक के बेटे होने के नाते, मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं और चुनौतियों को करीब से देखने की बात कही। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार प्रदेश के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और शहीदों के आश्रितों के कल्याण और उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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मुख्यमंत्री ने उपनल कर्मचारियों को मिलने वाले प्रोत्साहन भत्ते का जिक्र करते हुए बताया कि अब यह राशि तीन महीने में एक बार की बजाय हर महीने दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार 10 वर्ष से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 5000 रुपये और 10 वर्ष से अधिक अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 6000 रुपये प्रति माह प्रोत्साहन भत्ता प्रदान कर रही है।
शहीदों के प्रति राज्य सरकार की संवेदनशीलता को व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया गया है। शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की समय सीमा को भी बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है। प्रदेश के शहीदों की स्मृति में राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में एक भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने युद्धों और आंतरिक सुरक्षा कार्यों में शहीद हुए वीर सैनिकों की वीर नारियों और आश्रितों को उत्तराखण्ड शहीद कोष से एकमुश्त दस लाख रुपये का अनुदान, युद्ध में शहीद हुए बलिदानियों की वीरांगनाओं और युद्ध में घायल होकर दिव्यांग हुए सैनिकों को दो लाख रुपये की आवासीय सहायता, तथा सेवारत और पूर्व सैनिकों को 25 लाख रुपये मूल्य की स्थायी संपत्ति खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
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इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, एम.डी. ब्रिगेडियर जे.एन बिष्ट, उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महामंत्री विनय प्रसाद और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।