देहरादून, 1 जुलाई 2025: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं, 30 जून 2025 को भारी बारिश की चेतावनी के बीच फिर से शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 1 जुलाई से 6 जुलाई तक चारधाम क्षेत्र में बारिश और गरज के साथ बौछारों की संभावना जताई है, जिसमें विशेष रूप से 1 और 2 जुलाई को देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी में भारी से बहुत भारी बारिश की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे पूरी सावधानी बरतें और लगातार मौसम व सड़क अपडेट्स पर नज़र रखें।
मौसम की स्थिति
आज, 1 जुलाई 2025 को, चारधाम क्षेत्र में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। IMD के अनुसार, 1 और 2 जुलाई को देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। हालांकि, 3 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आने की उम्मीद है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है।
चारधाम स्थलों पर तापमान इस प्रकार रहने का अनुमान है:
- यमुनोत्री: दिन में 5°C से 20°C, रात में लगभग 5°C
- गंगोत्री: 6°C से 18°C
- केदारनाथ: 2°C से 15°C (रात में अधिक ठंड)
- बद्रीनाथ: 5°C से 20°C
मानसून के कारण भूस्खलन और यात्रा में रुकावटों की संभावना बढ़ जाती है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने साथ रेनकोट, छाता और गर्म कपड़े अवश्य रखें। मौसम के नवीनतम अपडेट के लिए IMD की वेबसाइट नियमित रूप से देखने की सलाह दी गई है।
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सड़क की स्थिति और हालिया घटनाएँ
हाल ही में, 29 जून 2025 को उत्तरकाशी जिले में बरकोट-यमुनोत्री मार्ग पर बादल फटने से हुए भूस्खलन में दो श्रमिकों की मृत्यु हो गई और सात अन्य लापता हो गए थे। इस घटना के कारण यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा था। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 29 जून को ही सड़क की मरम्मत कर दी, जिसके बाद 30 जून से यात्रा फिर से शुरू हो गई है।
वर्तमान में, केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की सड़कें खुली हैं। प्रशासन जेसीबी मशीनों का उपयोग करके सड़कों को साफ रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन मानसून के कारण भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। नंदप्रयाग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग और सोनप्रयाग-मुनकटिया सड़क पर मलबे के कारण हुई रुकावटों को साफ कर दिया गया है। बरकोट-यमुनोत्री मार्ग पर हुए नुकसान की मरम्मत का कार्य जारी है।
यात्रियों को सड़क अवरोध होने की स्थिति में दिल्ली-कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर और दिल्ली-ऋषिकेश-गजा-देवप्रयाग जैसे वैकल्पिक मार्गों पर विचार करने की सलाह दी गई है। चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग (889 किलोमीटर) के निर्माण कार्य के कारण भी अस्थायी रुकावटें आ सकती हैं। तीर्थयात्रियों को स्थानीय अपडेट के लिए उत्तराखंड पर्यटन वेबसाइट और सैक्रेड यात्रा वेबसाइट पर सड़क की स्थिति की जांच करते रहने की सलाह दी गई है।
तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
भारी बारिश के दौरान यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी जाती है। सभी तीर्थयात्रियों को स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए। स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए, मजबूत जूते, गर्म कपड़े और रेन गियर साथ रखना आवश्यक है। ट्रेकिंग के दौरान नियमित ब्रेक लेने और ऊंचाई से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं (गुप्तकाशी और सेरसी से) फिर से शुरू हो गई हैं, और राज्य सरकार ने टिकट की कीमत में 25% की छूट दी है, जो सड़क अवरोध होने पर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
संक्षेप में, चारधाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है, लेकिन यात्रियों को मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। नियमित अपडेट और स्थानीय सलाह का पालन करना सुरक्षित यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।