देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने बायोगैस संयंत्र लगने पर 55% तक का अनुदान देने की घोषणा की है। इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
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क्या है बायोगैस संयंत्र?
बायोगैस संयंत्र एक ऐसी तकनीक है जिसमें गोबर, पौधों के अवशेष आदि जैविक पदार्थों को बैक्टीरिया की मदद से किण्वित किया जाता है। इस प्रक्रिया से बायोगैस और जैविक खाद उत्पन्न होती है। बायोगैस को खाना पकाने, प्रकाश और बिजली के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
योजना के प्रमुख लाभ
- किसानों की आय में वृद्धि: किसानों को बायोगैस संयंत्र स्थापित करने पर 55% तक का अनुदान मिलने से उनकी आय में वृद्धि होगी। वे बायोगैस का उपयोग करके अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और जैविक खाद से अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण: बायोगैस संयंत्रों से उत्पन्न होने वाली जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम किया जा सकता है। साथ ही, बायोगैस का उपयोग करने से जीवाश्म ईंधनों के उपयोग में कमी आएगी और प्रदूषण कम होगा।
- ऊर्जा सुरक्षा: बायोगैस एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। इसके उपयोग से राज्य की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा।
- ग्रामीण विकास: बायोगैस संयंत्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
बायोगैस संयंत्रों की स्थापना हेतु सरकार दे रही 55% तक का अनुदान।#MeriYojnaMeriSarkar #Uttarakhand pic.twitter.com/7Ude0BZpsB
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) August 5, 2024
कौन ले सकता है लाभ?
यह योजना उत्तराखंड राज्य के सभी किसानों के लिए उपलब्ध है। चाहे वे छोटे या बड़े किसान हों, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप के पास 4×3 वर्ग मीटर भूमि और काम से काम 3 पशु होने चाहिए। यदि आप के पास आवश्यक भूमि और पशु है तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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आवेदन कैसे करें?
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को जनपद उरेडा कार्यालय में आवेदन करना होगा। या फिर ऑनलाइन पोर्टल www.biogas.mnre.gov.in से भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठाएं और राज्य में बायोगैस संयंत्रों की संख्या में वृद्धि हो। इससे राज्य एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर होगा। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
अधिक जानकारी के लिए biogas की अधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करे। www.biogas.mnre.gov.in