देहरादून: उत्तराखंड में अब छोटे ठेकेदारों को बड़ा मौका मिलने जा रहा है। राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये तक के सरकारी ठेके अब स्थानीय ठेकेदारों को ही देने का फैसला लिया है। यह फैसला राज्य में हो रही प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर राहत कार्य को गति देने और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए उत्तराखंड वित्तीय हस्त पुस्तिका के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। नए आदेश के अनुसार, विभागीय अधिशासी अभियंता को अब पांच लाख रुपये तक के कार्यों का वर्क ऑर्डर स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से जारी करने का अधिकार दिया गया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
- प्राकृतिक आपदाएं: उत्तराखंड में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर राहत और पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी से अंजाम देना चाहती है।
- स्थानीय रोजगार: इस फैसले से स्थानीय ठेकेदारों को अधिक काम मिलेगा और राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- पलायन रोकना: स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से राज्य से पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा।
क्या हैं इस फैसले के फायदे?
- तेजी से काम: स्थानीय ठेकेदारों को काम मिलने से राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से पूरे होंगे।
- पारदर्शिता: वर्क ऑर्डर के माध्यम से काम देने से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
- आत्मनिर्भरता: यह फैसला राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।
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क्या हैं चुनौतियां?
गुणवत्ता: छोटे ठेकेदारों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ सकते हैं।
निगरानी: सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि काम की गुणवत्ता बनी रहे।
सरकार को इस फैसले के सफल क्रियान्वयन के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसमें छोटे ठेकेदारों को प्रशिक्षण देना, उनकी क्षमता बढ़ाना और काम की गुणवत्ता की निगरानी करना शामिल है। यह फैसला उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल राज्य में विकास होगा बल्कि स्थानीय लोगों का जीवन स्तर भी सुधरेगा।