बागेश्वर। बागेश्वर जिले में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। हाल ही में जिले के नए जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों में गंभीर खामियां मिलीं। ओपीडी के आंकड़ों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, जननी सुरक्षा योजना और संस्थागत प्रसव जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों में भी अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इन सभी संकेतकों में सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ तत्काल दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने टीबी मुक्त भारत अभियान, एनएचएम आदि कार्यक्रमों की भी समीक्षा की और स्वास्थ्य विभाग के जिला योजना के तहत निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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बैठक में जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्माणाधीन कार्य स्थल पर नागरिक सूचना पट्ट अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता को निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी मिलती रहे, इसके लिए यह आवश्यक है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा गलत आंकड़े प्रस्तुत करने पर जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों और प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाई और आंकड़ों में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में अगर ऐसा कोई मामला सामने आया तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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