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सेना की पर्यावरण यूनिट 130 TA: प्रकृति की रक्षा का दायित्व

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पर्यावरण यूनिट 130 TA

सेना की पर्यावरण यूनिट 130 TA, जिसे 130 इको टेरिटोरियल आर्मी बटालियन के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना की एक विशेष इकाई है जो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है। यह 1982 में स्थापित की गई थी और इसका मुख्यालय उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में है। आप को बता दे , सेना की पर्यावरण यूनिट 130 TA में लगभग 1,000 सैनिक और अधिकारी शामिल हैं। साथ ही बटालियन में विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ शामिल हैं, जैसे कि वनस्पति विज्ञानी, प्राणी विज्ञानी, और मिट्टी वैज्ञानिक। 130 TA ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।

पर्यावरण यूनिट 130 TA का उद्देश्य:

130 टीए का मुख्य उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण की रक्षा करना है। यह बटालियन निम्नलिखित गतिविधियों में शामिल है:

  1. वृक्षारोपण और वनीकरण
  2. जल संरक्षण
  3. मिट्टी का संरक्षण
  4. जैव विविधता संरक्षण
  5. प्रदूषण नियंत्रण
  6. पर्यावरण शिक्षा

पर्यावरण यूनिट 130 TA के कार्य:

130 टीए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करती है। इनमें शामिल हैं:

  1. वृक्षारोपण: 130 टीए ने उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों पेड़ लगाए हैं।
  2. जल संरक्षण: बटालियन ने जल संरक्षण के लिए कई तालाबों और बांधों का निर्माण किया है।
  3. मिट्टी का संरक्षण: 130 टीए मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करती है।
  4. जैव विविधता संरक्षण: बटालियन ने कई लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं।
  5. प्रदूषण नियंत्रण: 130 टीए प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चलाती है।
  6. पर्यावरण शिक्षा: बटालियन स्कूलों और समुदायों में पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करती है।

पर्यावरण यूनिट 130 TA की उपलब्धियां:

130 TA ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. लाखों पेड़ लगाए गए
  2. जल संरक्षण के लिए कई तालाबों और बांधों का निर्माण
  3. मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग
  4. कई लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण
  5. प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता अभियान
  6. स्कूलों और समुदायों में पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम

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