टनकपुर: उत्तर भारत का प्रमुख मां पूर्णागिरि मेला 26 मार्च से शुरू होगा और 15 जून तक चलेगा। 82 दिनों तक चलने वाले इस मेले के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पूर्णागिरि मेला एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है जो हर साल चैत्र नवरात्रि से शुरू होकर वैशाख पूर्णिमा तक चलता है। यह मेला भारत के उत्तराखंड राज्य के चंपावत जिले के टनकपुर में आयोजित किया जाता है।
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पूर्णागिरि मेले का महत्व:
यह मेला माता पूर्णागिरि के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। माता पूर्णागिरि को क्षेत्र की देवी माना जाता है और उनका मंदिर टनकपुर में स्थित है। मेले के दौरान, लाखों श्रद्धालु माता पूर्णागिरि के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए टनकपुर आते हैं।
पूर्णागिरि मेले की विशेषताएं:
- धार्मिक गतिविधियां: मेले के दौरान, कई धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिनमें माता पूर्णागिरि की आरती, भजन-कीर्तन, और हवन शामिल हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक नृत्य, लोक संगीत, और नाटक शामिल हैं।
- मेला परिसर: मेले का परिसर कई दुकानों और स्टॉलों से भरा होता है, जहाँ श्रद्धालु विभिन्न प्रकार की वस्तुएं और खाद्य पदार्थ खरीद सकते हैं।
- आवास: मेले के दौरान, टनकपुर में विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध होते हैं, जिनमें होटल, धर्मशालाएं, और लॉज शामिल हैं।
पूर्णागिरि मेला की तैयारियों में जुटा प्रशासन:
जिलाधिकारी नवनीत पांडेय ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को मेला परिक्षेत्र, नगर पालिका टनकपुर और नगर पंचायत बनबसा को अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली, पार्किंग और साफ-सफाई की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा।
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बनबसा में भी 30 अस्थायी शौचालय, चेंजिंग रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं। 24 घंटे नेटवर्क के लिए बीएसएनएल के अतिरिक्त टावर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम ने कहा कि सीसीटीवी, मार्ग में बिजली व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, स्नानागार, आवास, स्वास्थ्य, संचार आदि की व्यवस्था अभी से तैयारी कर ली जाए।
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