उत्तराखंड सरकार जल्द ही राज्य की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने की योजना शुरू कर सकती है। इस प्रस्ताव का लाभ राज्य की करीब 40 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मिलेगा। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
पेंशन योजना के प्रस्ताव
बैठक में अधिकारियों ने तीन योजनाओं के विकल्प प्रस्तुत किए:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना।
- नेशनल पेंशन स्कीम।
- अटल पेंशन योजना।
इनमें से किसी एक योजना को चुनकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का अंशदान जोड़ते हुए इसे लागू किया जाएगा। प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद कैबिनेट में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। यदि यह योजना लागू होती है, तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के बाद प्रति माह तीन हजार रुपये तक की पेंशन मिल सकती है।
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महिला विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 7038 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया के तहत छह दिनों में लगभग 20 हजार महिलाओं ने आवेदन किया है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी है।
उत्तराखंड में प्रस्तावित यह योजना कर्नाटक, केरल और त्रिपुरा जैसे राज्यों के उदाहरणों से प्रेरित है, जहां पहले से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए पेंशन का प्रावधान है। इन राज्यों में पेंशन योजना के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। पेंशन योजना से कार्यकर्ताओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनके लंबे समय के सेवा योगदान को मान्यता दी जाएगी।
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आगामी कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी मिलने की संभावना है, जो राज्य की हजारों महिलाओं के लिए राहत और प्रोत्साहन का बड़ा कदम साबित होगा।