देहरादून: प्रदेश सरकार ने सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए एक सोशल मीडिया आचार संहिता बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को इस दिशा में एक सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने इस पॉलिसी के ड्राफ्ट को दो सप्ताह के भीतर पेश करने की पुष्टि की है।
पिछले कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह सक्रियता सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रमोशन के लिए तो लाभकारी है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ विवादित पोस्टों ने सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है।
यह भी पढ़े : प्रतिवर्ष नए साल पर मसूरी में होती है अनोखी प्राकृतिक घटना : साल 2025 का आगाज करें इस अनोखे अनुभव के साथ !
शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को विवादित पोस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि अल्मोड़ा स्याल्दे विकास खंड में एक सहायक अध्यापक को इसी कारण निलंबित कर दिया गया था। ऐसे उदाहरण अन्य महकमों में भी देखने को मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर की गई गतिविधियों का सरकारी कामकाज पर प्रभाव पड़ सकता है।
इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, शासन स्तर पर सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई सोशल मीडिया पॉलिसी का अध्ययन करने की सलाह भी दी गई है।
इस नई पॉलिसी के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी से करें, ताकि सरकारी छवि को नुकसान न पहुंचे और विवादों से बचा जा सके।
यह भी पढ़े : वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का जीवन परिचय