देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बकाया राजस्व वसूली पर जोर देते हुए बकाएदारों पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों और अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें यह निर्णय लिया गया। बैठक में यह निर्देश दिया गया कि राज्य के दस बड़े बकाएदारों से वसूली के लिए जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी प्रभावी कार्रवाई करें। सभी जिलाधिकारियों को मुख्य देयों और विविध देयों की शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन जिलों में वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है, वहां विशेष अभियान चलाकर वसूली की जाएगी।
अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया। तीन से पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, विरासती एवं भू राजस्व अधिनियम के तहत धारा 34 के अविवादित मामलों को भी अभियान चलाकर निपटाया जाएगा।
बैठक में जिलाधिकारियों को राजस्व अभिलेखों के रखरखाव और अपडेट करने के लिए भी निर्देशित किया गया। गांवों में चल रही चकबंदी और सर्वेक्षण प्रक्रिया को पूरा करने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों, कर्मचारियों की भर्ती, सेवा का अधिकार के तहत अधिसूचित सेवाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करने, ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण और मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई।
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राजस्व परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार राजस्व वसूली को लेकर गंभीर है और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने स्तर पर पूरी मेहनत और लगन से काम करें ताकि राजस्व वसूली का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
प्रदेश सरकार राज्य में बकाएदारों पर शिकंजा कसने जा रही है। राजस्व परिषद अध्यक्ष श्री आनंद बर्द्धन ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के दस बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी अपने स्तर से प्रभावी कार्रवाई करें। राजस्व परिषद अध्यक्ष ने आज शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग… pic.twitter.com/LKJI2PtUKf
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) September 28, 2024
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