उत्तराखंड मे बरसात के मौसम में जब समय से बारिश नही होती या सूखा पड़ने लगता है,तो गढ़वाल मंडल के…
Year: 2022
हुड़किया बौल उत्तराखंड के लोकगीतों में पारम्परिक कृषि गीत या श्रम गीत माने जाते हैं। इसमे लोक वाद्य हुड़के को…
देश, धर्म, जाती के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीरों की यादों को संजोए रखने और उनके नाम को अमर…
मडुवा की बाड़ी उत्तराखंड के पहाड़ी लोगो का खास भोज्य पदार्थ है। इसे खासकर पहाड़ के गरीब लोगों का सुपरफूड…
न्यौली गीत क्या हैं? न्यौली उत्तराखंड के कुमाऊं में लोकगीत विधा के अंतर्गत, पर्वतीय वनों के मौन वातावरण में किसी…
छउवा या चीला एक पहाड़ी मिष्ठ पाक्य भोज्य पदार्थ है। ऐसे खासकर शुभ कार्यों व् त्योहारों पर बनाया जाता है।…
आज आपको सुनाते हैं, हमारे पनदा की कहानी ! वैसे पनदा अल्मोड़ा के सबसे विकसित विधानसभा से आने वाले ठैरे।…
खाल और छीना का अर्थ- मित्रों हमारे उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक सभी स्थानों के कुछ न कुछ…
यह लोक कथा धुमाकोट और गड़ी चम्पावती (चंपावत) की लोक कथा है। इस प्रसिद्व लोक कथा के अनुसार भगवान गोरिया ने…
रानीखेत से लगभग 20 किलोमीटर दुरी पर स्थित बिनसर महादेव मंदिर, बेहद रमणीय और अलौकिक है। चारो और देवदार, पाइन…