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पंकज जीना आवाज की दुनिया का वो नाम, जिसकी मधुर वाणी के दीवाने लाखों हैं

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पंकज जीना
पंकज जीना

अपनी मनमोहनी आवाज से मंत्रमुग्ध करने वाले पंकज जीना आजकल सोशल मीडिया की जान बने हुए हैं। उनके स्टेटस वीडियो इंस्टाग्राम रील्स और सोशल मीडिया के सभी मंचों पर काफी पसंद किये जाते हैं। जिंदगी के संघर्षो पर उनके स्टेटस वीडियो ,जिंदगी को नए उत्साह से जीने के लिए प्रेरित करते हैं। पहाड़ो पर बने उनके स्टेटस वीडियो आपको, पहाड़ों की मधुर यादों में खोने पर मजबूर कर देते हैं।

पंकज जीना का प्रारंभिक जीवन  –

सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी के आधार पर पंकज मूलतः उत्तराखंड नैनीताल जिले के ज्योलिकोट के चोपड़ा गांव के रहने वाले है। सामान्य उत्तराखंडी युवाओं की तरह पंकज जीना का जीवन भी संघर्ष से भरा हुवा था। शिक्षा पूर्ण करने के साथ इन्होने रेडिओ में अपना भविष्य बनाने की ठानी। पंकज जीना ने सर्वप्रथम कुमाऊं वाणी से अपना रेडिओ का सफर शुरू किया।

पंकज अपने गांव से 4 किलोमीटर तक पैदल जाते थे। रेडिओ को लेकर पंकज के अंदर एक अलग ही जूनून था। जैसा कि पहाड़ के सभी लोगों के साथ होता है , पहाड़ी लोगो का  उच्चारण शुद्ध हिंदी से थोड़ा अलग होता है। पंकज जीना के साथ भी यही समस्या थी और थोड़ा व्याकरण की अशुद्धियाँ भी थी। इस कमी को दूर करने के लिए पंकज ने रंगमंच से जुड़ने का निर्णय लिया। परिवार से दूर रहकर पंकज जीना ने हिंदी व्याकरण में अपनी उच्चारण सम्बन्धी गलतियों को दूर किया। उनकी मेहनत रंग लायी पंकज जीना को देश के एक प्रतिष्ठित FM चैनल के सीईओ ने उनकी आवाज सुनी और उन्हें अपने चैनल में मौका दिया।

इस समय पंकज कुमाऊं वाणी में काम के साथ मॉस कम्युनिकेशन का कोर्स कर रहे थे। यहाँ से पंकज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने FM की दुनिया को जाना समझा।  मशहूर रेडिओ जाकी RJ रौनक से रेडिओ जाकी की बारीकियां सीखी। पंकज ने रेड FM देहरादून ,फिर बनारस में रेडिओ सिटी , और लखनऊ में फीवर FM में काम किया। पंकज जीना वर्तमान में रेडिओ सिटी 91.9 FM बनारस में अपनी मन मोहनी वाणी का जादू बिखेर रहे हैं।

पंकज कुमाउनी लोक गायक स्वर्गीय पप्पू कार्की जी से काफी प्रभावित हैं। अक्सर उनके किस्से सुनाते रहते हैं। पंकज बनारस की धरती से भी अपने पहाड़ अपने उत्तराखंड के साथ दिल से जुड़े हैं। अक्सर उनके पॉडकास्ट में वीडियो में ,उत्तराखंड  के ही किस्से छाये रहते हैं।

वीडियो स्टेटस और कहानी सुनाने के लिए मशहूर हैं –

पंकज की मधुर और ठहराव वाली आवाज में वीडियो स्टेटस आजकल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। पंकज जीना अक्सर अपनी मधुर आवाज पॉडकास्ट और छोटे वीडियो क्लिप बनातें रहते है। पॉडकास्ट और वीडियो  की विषयवस्तु जीवन जीने के लिए प्रेणादायक विचार और पहाड़ो पर और उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित स्टेटस होते हैं, वह स्वयं लिखते हैं। इसके अलवा पंकज अपनी मधुर वाणी में लोगों को कहानियां भी सुनाते हैं।

उपलब्धि – हैशटैग किस्से विथ पंकज जीना शो को ईनाम –

सबके चहेते पंकज की कहानी सुनाने के अंदाज के तरीके के कारन उनके शो हैशटैग विथ पंकज जीना को “ग्लोबल कस्टमर इंगेजमेंट फोरम एंड अवॉर्ड्स” से सम्मानित किया गया है। सोशल मीडिया पर पंकज के लाखो चाहने वाले हैं।

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पंकज की तरह उत्तराखंड के RJ काव्य भी आवाज की दुनिया में अपना नाम कमा रहे हैं। ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक

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बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

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