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विकसित उत्तराखण्ड @ 2047: मुख्य सचिव ने की विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा

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विकसित उत्तराखण्ड @ 2047: मुख्य सचिव ने की विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा

देहरादून: सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने “विकसित उत्तराखण्ड @ 2047” के तहत विजन डाक्यूमेंट तैयार करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने सरकारी नीतियों की समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे राज्य में बेहतरीन संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान करें और उन्हें ग्रोथ इंजन के रूप में चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय कृषि, जैविक कृषि, एरोमेटिक व जड़ी-बूटियां, आयुष, रिन्युएबल एनर्जी, वन सम्पदा, पर्यटन और आईटी व एमएसएमई को पहले ही ग्रोथ ड्राइवर के रूप में चिन्हित किया जा चुका है।

बैठक में चर्चा के दौरान मुख्य सचिव ने होर्टीकल्चर और जैविक खेती को मुख्य ग्रोथ ड्राइवर के रूप में महत्व देने की बात की। उन्होंने कहा कि उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे सगंधित और औषधीय पौधों, पॉलीहाउस-खेती, बागवानी फसलों, केसर, सेब और कीवी फल की खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और कृषि-पर्यटन को एकीकृत करने पर भी जोर दिया गया।

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मुख्य सचिव ने आयुष विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि आयुष और वेलनेस हब की अपार संभावनाओं का लाभ उठाया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य में 900 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती हो रही है, जिससे 30 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है। विजन 2047 के तहत उत्तराखण्ड को देश का प्रमुख आयुष गंतव्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्य सचिव ने पर्यटन को भी राज्य के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया, जो जीएसडीपी में 10-12 प्रतिशत का योगदान देता है और 4 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने राज्य के प्रमुख इको-टूरिज्म हॉटस्पॉट्स की जानकारी साझा की, जिसमें फूलों की घाटी, बिनसर वन्यजीव अभयारण्य और नंदा देवी बायोस्फीयर शामिल हैं।

इस बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड सरकार विकसित भारत @ 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, जिससे राज्य का समग्र विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

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