Home कुछ खास लाल चावल उत्तराखंड उत्तरकाशी जिले के रवाई क्षेत्र की खास पहचान

लाल चावल उत्तराखंड उत्तरकाशी जिले के रवाई क्षेत्र की खास पहचान

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लाल चावल की खीर, भट्ट -गहत की दाल के साथ स्वादिष्ट भात सभी को बहुत पसंद है। खासकर प्रवासी उत्तराखंडी इस चावल को बहुत ज्यादा याद करते हैं। वैसे तो यह लाल चावल सारे उत्तराखंड में होता है। लेकिन उत्तरकाशी के रवाईं क्षेत्र के लाल चावल विशेष प्रसिद्ध हैं। जिस प्रकार अल्मोड़ा की बाल मिठाई ,टिहरी की सिगोड़ी प्रसिद्ध है , ठीक उसी प्रकार रवाईं घाटी का लाल चावल प्रसिद्ध है। यह चावल उत्तराखंड के अलावा  भारत के अन्य पहाड़ी राज्यों ,हिमाचल के साथ झारखण्ड ,तमिलनाडु ,केरल और विहार में भी उगाया जाता है। इस चावल को केरल और तमिलनाडु में उमा कहते हैं। विश्व में दक्षिण अफ्रीका में pigmented चावल का पारम्परिक उत्पादन होता है।

उच्च गुणवक्ता और अपने विशिष्ट पौष्टिक गुणों के कारण इस चावल की विदेशों में अच्छी मांग है। यह चावल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के विकासखंड पुरोला  का चावल दुनिया भर में विशेष प्रसिद्ध है। रवाई घाटी में लाल चावल उत्पादन के लिए रामा सिराई और कमल सिराई पट्टी लाल कटोरे के नाम ने प्रसिद्ध है। उत्तरकाशी के इस विशेष उत्पाद को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग दिलाने का प्रयास चल रहा है , जो कि अपने अंतिम चरण में है। GI टैग मिलने के बाद यह उत्पाद इस क्षेत्र का एक ब्रांड बन जायेगा।

इस चावल का, रंग, चावल में  anthocyanin नामक पदार्थ के कारण लाल होता है। यह anthocyanin नामक पदार्थ चावल को लाल रंग देने के साथ एंटीऑक्सीडेंट की गुणवक्ता भी देता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि , सफ़ेद या पॉलिश्ड चावलों की अपेक्षा लाल चावल अधिक स्वास्थवर्धक होते हैं। लाल चावल में सफ़ेद चावल की अपेक्षा जिंक सात गुना ,आयरन 6 गुना और फाइबर 4 गुना अधिक होता है।

लाल चावल उत्तराखंड उत्तरकाशी जिले के रवाई क्षेत्र की खास पहचान

लाल चावल के लाभ –

  • लाल चावल मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष लाभदायक है। वैसे मधुमेह के रोग में चावल का सेवन वर्जित रहता है।  लेकिन इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह चावल मधुमेह रोगियों के लिए खाने योग्य हो जाता है। इसके अतिरिक्त यह फाइबर युक्त होता है और मेटपॉलिज़म में वृद्धि करता है।
  • यह चावल एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता से भरपूर होता है।  जो कि हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
  • जहाँ सामान्य चावल खाने से लोगो का मोटापा बढ़ता है ,इसके विपरीत इसमें मोटापा कम करने में मदद करता है। यह अत्यधिक ऊर्जा युक्त और वसा रहित होता है , जिससे मोटापा नियंत्रण करने में मदद मिलती है।
  • यह  चावल दिल की बिमारियों को दूर रखने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में काफी मददगार होता है।
  • इस चावल में उच्च मैग्नीशियम की मात्रा होने के कारण ,यह चावल अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। मैग्नीशियम की मात्रा शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढाती है।
  • इन लाभों के अतिरिक्त बुखार निवारण, महिलाओं का दूध बढ़ाने  और ल्यूकोरिया जैसी बिमारियों में भी इस चावल को लाभप्रद माना जाता है।

नोट- यह लेख केवल शैक्षणिक माध्यम के लिए है।  उपरोक्त उत्पाद का औषधीय प्रयोग करने से पूर्व डॉक्टर या किसी जानकार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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