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Pulse Anemia Mega Campaign: मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए विशेष निर्देश

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Pulse Anemia Mega Campaign: मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए विशेष निर्देश

देहरादून: मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ Pulse Anemia Mega Campaign को लेकर बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने एनीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा तैयार किए गए एक्शन प्लान को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए। इस अभियान में महिला कल्याण एवं बाल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

खुशियों की सवारी सेवा बनेगी गर्भवती महिलाओं का सहारा
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि राज्यभर में उपलब्ध “खुशियों की सवारी” सेवा का उपयोग गर्भवती महिलाओं के लिए नि:शुल्क किया जा सकता है। यह सेवा न केवल प्रसव के समय बल्कि प्रसव पूर्व जांच (ANC) के लिए भी उपलब्ध है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस जनहितकारी योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि विशेष रूप से दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

स्कूलों में अनिवार्य होगी हीमोग्लोबिन जांच
मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं के उपस्थिति रजिस्टर में प्रत्येक माह हीमोग्लोबिन स्तर दर्ज किया जाए। इसकी जिम्मेदारी कक्षा शिक्षक की होगी, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि एनीमिया से पीड़ित छात्रों के उपचार की विशेष व्यवस्था, मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जाएगी। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के हीमोग्लोबिन स्तर की जानकारी रिपोर्ट कार्ड में दर्ज कर अभिभावकों को दी जाएगी।

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स्वास्थ्य जागरूकता पर होगा विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने विद्यालयों में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रत्येक सप्ताह एक विशेष पीरियड आयोजित करने के भी निर्देश दिए। इसके माध्यम से बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और एनीमिया से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

गर्भावस्था के पहले चरण में एनीमिया पहचान अनिवार्य
बैठक में मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि गर्भावस्था के पहले चरण में ही सभी गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की पहचान सुनिश्चित की जाए। जिलों में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, रिपोर्टिंग और प्रशिक्षण के लिए आईसीडीएस व एएनएम को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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मुख्य सचिव ने टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को गंभीरता से कार्य करने और जिलाधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव श्रीमती स्वाति भदौरिया, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सभी जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

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