हल्द्वानी, 12 जुलाई 2024: हल्द्वानी नगर निगम ने 1 अप्रैल से लागू 15% भवन कर वृद्धि को रद्द कर दिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हस्तक्षेप के बाद आया है, जिन्होंने पाया कि वृद्धि मानक प्रक्रियाओं और प्रशासनिक अनुमोदन के बिना की गई थी। हल्द्वानी नगर निगम बोर्ड ने 2024-25 के लिए 15% भवन कर वृद्धि का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव 1 अप्रैल से लागू हो गया था। हालांकि, इस वृद्धि को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यह गैरकानूनी और मनमानी थी।
स्थानीय लोगों ने यह भी दावा किया कि उन्हें भवन कर वृद्धि के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और न ही उनकी आपत्तियों पर विचार किया गया था। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ध्यान में लाया गया, जिन्होंने तुरंत जिलाधिकारी (डीएम) वंदना सिंह को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। डीएम की जांच में पाया गया कि नगर निगम ने वास्तव में उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया था। भवन कर वृद्धि के लिए नगर निगम प्रशासक से आवश्यक अनुमोदन भी नहीं लिया गया था। इसके परिणामस्वरूप, डीएम वंदना सिंह ने 15% भवन कर वृद्धि को रद्द करने का आदेश दिया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भवन कर वृद्धि की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से दोबारा शुरू किया जाए। इसमें स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देना, जनता से आपत्तियां आमंत्रित करना और प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण करना शामिल है। इसके बाद, अंतिम निर्णय लिया जाएगा और दरों में वृद्धि के बारे में जनता को सूचित किया जाएगा।
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि वे अब भवन कर वृद्धि के लिए मानक प्रक्रियाओं का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी हितधारकों को उचित अवसर दिया जाए और प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।”
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यह निर्णय हल्द्वानी के 25,000 से अधिक निवासियों के लिए राहत की बात है, जिन्हें 15% भवन कर वृद्धि का बोझ वहन करना पड़ता। यह नगर निगम के लिए एक सबक भी है कि वे भविष्य में इस तरह की गलतियों को न दोहराएं।