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उत्तराखंड में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास: आपदा से निपटने की तैयारियों को पुख्ता करने का संकल्प

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उत्तराखंड में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास: आपदा से निपटने की तैयारियों को पुख्ता करने का संकल्प

देहरादून: मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने आज सचिवालय में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यह पूर्वाभ्यास गतिविधियां और मॉक ड्रिल पूरे प्रदेश में आयोजित की जाएंगी, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटना है।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि यह पूर्वाभ्यास आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ करने में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इन गतिविधियों के दौरान आम जनता में किसी भी प्रकार का भय या भ्रम न फैले। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जनता के साथ लगातार संवाद स्थापित करने और उन्हें मॉक ड्रिल के उद्देश्य और लाभों से अवगत कराने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने स्तर पर आपातकालीन परिस्थितियों में किए जाने वाले कार्यों और प्रक्रियाओं की पूरी तैयारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण पूर्वाभ्यास कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से राज्य के प्रत्येक नागरिक को किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए तैयार किया जा सकेगा।

प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के प्रति नागरिकों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर पूर्वाभ्यास और मॉक ड्रिल आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि आमजन को यह स्पष्ट रूप से बताया जाए कि आपातकालीन और विपरीत परिस्थितियों में उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से विद्यालयों और अस्पतालों में आपदा से बचाव के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने पूर्वाभ्यास के साथ-साथ स्थायी रूप से आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक ठोस और प्रभावी योजना तैयार करने की आवश्यकता बताई। इसके लिए उन्होंने राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय नागरिक सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और प्राकृतिक व मानवजनित आपदाओं के दौरान प्रदेश में अलर्ट जारी करने के लिए सायरन सिस्टम को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने एसएमएस और वॉट्सऐप जैसे अन्य संचार माध्यमों से अलर्ट संदेश भेजने के लिए एक सुदृढ़ तंत्र विकसित करने पर भी जोर दिया।

मुख्य सचिव ने घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को और मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं, मानवजनित आपदाओं और यहां तक कि युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए भी प्रदेश और प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया जाना चाहिए। इसके लिए संचार तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने आपातकालीन परिस्थितियों में संचार व्यवस्था ठप होने की स्थिति में वायरलेस और सैटेलाइट फोन जैसी वैकल्पिक संचार प्रणालियों की तैयारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

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मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन प्रयासों में सामुदायिक सहभागिता, आपदा मित्र, मंगल दल, एनएसएस और एनसीसी जैसे संगठनों को भी शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने बड़े बांधों और संवेदनशील भवनों में संभावित खतरे की स्थिति में सुरक्षा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं सहित आपदा प्रबंधन योजना तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी वाटर हाइड्रेंट्स को सुचारू करने और नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से बड़े भवनों के सुरक्षित बेसमेंट आदि को तैयार रखने पर भी जोर दिया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री दीपक सेठ, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री नितेश कुमार झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, श्री चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं श्री दीपक रावत और विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी तथा भारतीय सेना के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया। इस पहल से प्रदेश में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को एक नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

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