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जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की याद में 14वां स्मृति समारोह – ‘गिर्दा’ को श्रद्धांजलि

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'गिर्दा' को श्रद्धांजलि

नैनीताल में गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की 14वीं पुण्यतिथि पर गिर्दा स्मृति मंच द्वारा एक भव्य स्मृति समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी जनकवि की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शहरवासी उत्साहित हैं। समारोह का शुभारंभ गुरुवार शाम चार बजे क्रांति चौक तल्लीताल से एक जुलूस के साथ होगा। जुलूस में लोग जनगीत गाते हुए मल्लीताल सीआरएसटी विद्यालय पहुंचेंगे। विद्यालय परिसर में गिर्दा स्मृति मंच, युगमंच नैनीताल, ताल साधना अकादमी नैनीताल और भारतीय शहीद सैनिक स्कूल की ओर से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ एक प्रसिद्ध लोकगायक और जनकवि थे। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई थी। उनके गीतों में गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय जैसे मुद्दे प्रमुख थे। उनके गीतों ने लोगों को जागरूक किया और उन्हें एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।

गिर्दा स्मृति मंच का मुख्य उद्देश्य गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की विरासत को जीवित रखना है। यह मंच विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों और प्रदर्शनियों का आयोजन करता है ताकि लोग गिर्दा के जीवन और उनके कार्यों के बारे में जान सकें।

गिरीश तिवारी की पत्नी हेमलता तिवाड़ी और पुत्र तुहीनांशु तिवाड़ी ने लोगों से इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गिरीश तिवारी की लोकगीतों और साहित्य के माध्यम से समाज में एक अमिट छाप छोड़ी है। यह समारोह उनकी यादों को ताजा रखने और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।

इसे पढ़े : गिरीश तिवारी गिर्दा का जीवन परिचय और गिर्दा की कविताएं हिंदी में।

गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ एक प्रसिद्ध लोककवि और लोकगायक थे। उनके गीतों में कुमाऊं की संस्कृति, परंपराओं और लोगों की भावनाओं का खूबसूरत चित्रण मिलता है। उनके गीतों ने न केवल कुमाऊं बल्कि पूरे उत्तराखंड में लोकप्रियता हासिल की।

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