उत्तराखंड की भूमी प्राकृतिक सुन्दरता के साथ अनजान अनदेखे रहस्यों से भी भरी पडी है। क्या आपने कभी देखा या सुना है ? कि, किसी तालाब या बावड़ी के किनारे सीटी या ताली बजाने से बुलबुले उठे ?
आज उत्तराखंड के ऐसे ही एक रहस्यमय ताल मंगलाछू ताल के बारे में बात करेंगे। इस ताल के किनारे ताली या सीटी बजाने से यह ताल बुलबुलों के रूप में प्रतिक्रिया देता है।
जब इस किनारे ताली बजाते हैं, तो इसमें से बुलबुले निकलते हैं। यह रहस्यमय ताल उत्तरकाशी जनपद के जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर माँ गंगोत्री के शीतकालीन पड़ाव मुखबा से करीब 6 किमी की दूरी पर स्थित है।
200 मीटर चौड़ाई वाले इस मंगलाछू ताल की विशेषता यह है कि इस ताल के किनारे आवाज करने, ताली बजाने या सीटी बजाने से इस ताल में बुलबुले उठते हैं। चारों ओर बर्फ से लदी हिमालय की चोटियाँ आर्कषित करती है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, “जब हिमाचल से सोमेश्वर देवता को यहां लाया गया तो देवता ने प्रथम स्थान इस ताल में किया। इसलिए इसको सोमेश्वर देवता ताल भी कहा जाता है।