होली पुरे भारत में हर्षोउल्लास से मनाई जाती है। सभी लोग अपने अपने अंदाज में होली मनाते है। पुरे भारत की होलियों में ब्रज की होली और उत्तराखंड की कुमाउनी होली विश्व प्रसिद्ध है।

उत्तराखंड कुमाऊं में बसंत पंचमी से होली शुरू हो जाती है और लगभग एक से डेढ़ महीने तक चलती है। यहाँ होली तीन रूपों में खेली जाती है।  बैठक होली ,खड़ी होली , महिला होली

कुमाउनी होली केवल रंगो से ही नहीं बल्कि।,शास्त्रीय गायन। लोकनृत्य , और ठिठोली से भी खेली जाती है। कहते हैं 1870 से इसे वार्षिक समारोह के तौर पर मनाया जाता है। 

अधिकतर कुमाउनी होलियों में भगवान् को याद करके एक दूसरे को मंगलकामनाएं दी जाती है। बैठकी होली मुख्यतः अल्मोड़ा और नैनीताल में मनाई जाती है।  इसमें उर्दू का प्रभाव माना जाता है।

फाल्गुन रंग एकादशी से खड़ी होली शुरू होती है। इसमें कुर्ता पायजामा पहन के खड़े होकर नाचते गाते खेलते हैं। इसके गीत ब्रज कुमाउनी मिश्रित होते हैं। यह होली एक सप्ताह तक सभी के घर जा जा कर गाई जाती है। 

पखड़ी होली से पहले दिन में महिला होली होती है।  जिसमे केवल महिलाएं भाग लेती हैं।  जो नृत्य गीत और हसी ठिठोली से होली की खुशियाँ  मनाती है। 

कुमाउनी होली विश्व की प्रमुख सांस्कृतिक धरोहरों में एक है।