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हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना: किसानों का विरोध तेज, न्यायालय की शरण में जाने का फैसला

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हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना: किसानों का विरोध तेज, न्यायालय की शरण में जाने का फैसला
फोटो फ्रॉम कुमाऊं जनसन्देश

हल्द्वानी: हल्द्वानी में प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना को लेकर किसानों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। रिंग रोड के मार्ग में आने वाले सैकड़ों किसानों की जमीन, मकान और दुकानें प्रभावित होने की आशंका है। इसी मुद्दे को लेकर किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति पिछले 19 दिनों से रामलीला मैदान रामपुर रोड गन्ना सेंटर में धरने पर बैठे हैं। समिति का कहना है कि जिला प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है। किसानों की एकमात्र मांग है कि रिंग रोड परियोजना को रद्द किया जाए। अब समिति ने न्यायालय की शरण में जाने का फैसला लिया है। साथ ही, मुख्य सचिव और लोनिवि सचिव से भी मुलाकात कर परियोजना रद्द करने की मांग की जाएगी।

समिति के संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि विधायक के दौरे के बाद गांव में जंगल किनारे रहने वाले लोगों में भी असंतोष बढ़ गया है। सभी ग्रामीण रिंग रोड परियोजना के सर्वे को गांव, खेतों और मकान से रद्द करने का लिखित आदेश देने की मांग कर रहे हैं। समिति का आरोप है कि निर्माण खंड लोनिवि ने बिना किसानों और ग्राम प्रधानों की सहमति के सीमांकन के लिए पिलर गाड़ दिए।

समिति ने यह भी कहा कि ग्रामीण सड़कें पहले से ही काफी चौड़ी हैं, जिनका उपयोग यातायात का दबाव कम करने के लिए किया जा सकता है। इसलिए रिंग रोड परियोजना की कोई आवश्यकता नहीं है।

धरने में शामिल रहे: समिति के उपाध्यक्ष निक्की दुर्गापाल, उत्तराखंड बेरोजगार संघ कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा, समाजसेविका कुसुम लता बौड़ाई, लक्ष्मण सिंह बोरा और ललित मोहन जोशी।

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