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चौकड़ी उत्तराखंड – मसूरी और नैनीताल से हो गए बोर तो एक बार घूम कर आइये यहाँ।

चौकड़ी उत्तराखंड हिल स्टेशन

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चौकड़ी उत्तराखंड

यदि आप नैनीताल ,मंसूरी जैसी भीड़ भाड़ वाले हिल स्टेशनों से अलावा कुछ शांत और लुभावने हिल स्टेशन की खोज में हैं ,तो चौकड़ी उत्तराखंड में आपकी खोज खत्म हो सकती है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बसा ये छोटा सा ,सुंदर हिल स्टेशन ,आस पास सुंदर वनसम्पदा से घिरा ,हिमालय के पंचाचूली ,नंदादेवी , नंन्दा कोट आदि पर्वत शिखरों के सुंदर दृश्य प्रदान करता है। असल मे यह एक सुंदर गाव हैं। चौकड़ी उत्तराखंड समुंद्रतल से लगभग 2010 की ऊंचाई पर स्थित है।

चौकड़ी उत्तराखंड क्यों जाएं ?

जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह एक कटोरे नुमा छोटा सा गावँ है, जो कि हिमालय के बीचों बीच स्थित है। यह रमणीय गावँ प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता से विभूषित है। यहां आप प्राकृतिक सुंदरता, फलों के बाग, देवदार के वन, हिमालय की चोटियों का साक्षात्कार , विभिन्न प्रकार के पक्षियों के दर्शन कर सकते हैं। यहां कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं।

पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध लोक देवता मोस्टमानु का मंदिर  यही है। इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार बेरीनाग में आर्यों से पहले कालिया नाग के वंशज नागों का राज था। बाद में नागवंशजो ने अपने पूर्वजों के मंदिर स्थापित किये हैं। जो काफी शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन प्रमुख मंदिरों में बेरीनाग मंदिर, धौलीनाग मंदिर, फेणीनाग मंदिर, पिंगलीनाग, कालीनाग, सुंदरीनाग हैं। चौकड़ी उत्तराखंड में आप प्रकृति दर्शन, ट्रेकिंग, ग्राम्य भर्मण तथा हिमालयी चोटियों का विहंगम दृश्य का आनंद ले सकते हैं।

चौकड़ी उत्तराखंड
चौकड़ी उत्तराखंड

चौकड़ी उत्तराखंड का चाय बागान –

यह उन खास पहाड़ी क्षेत्रों में से एक है, जहाँ आप प्रकृतिक सुंदरता बिखेरे चाय बागान का दर्शन का आनंद ले सकते हैं। शुद्ध चाय की खुशबू को यहां महसूस कर सकते हैं। यह स्थान इतना सुरम्य है, कि आप यहां से वापस जाना भूल जाओगे।

चौकड़ी उत्तराखंड घूमने कैसे जाएं :-

यहाँ आप ,हल्द्वानी से बया अल्मोड़ा होकर जा सकते हैं। पिथौरागढ़ का नैनी सैनी हवाई अड्डा नजदीकी हवाई अड्डा है। किंतु इसका अधिक सुविधाजनक हवाई अड्डा पंत नगर हवाई अड्डा है। और नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। जहाँ से आप बस या कार से आसानी से पहुँच सकते हो। दिल्ली से चौकोड़ी उत्तराखंड लगभग 450 किलोमीटर दूर है।

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चौकड़ी उत्तराखंड में रहने खाने की व्यवस्था :-

चौकड़ी उत्तराखंड ,मंसूरी ,नैनीताल जैसा प्रसिद्ध नही है , इसलिए वहां रहने की व्यवस्था सीमित है। वहां सीमित गेस्ट हाउस हैं। किन्तु उत्तराखंड सरकार की पहल से,दीनदयाल होमस्टे योजना से प्रेरित होकर ,पहाड़ो में लोग धीरे धीरे , होमस्टे खोल रहे हैं, और वहाँ भी होमस्टे उपलब्ध हैं। इसके अलावा कुमाऊं मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी उपलब्ध है। चौकड़ी में उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों के साथ ,उत्तर भारतीय व्यंजन व चाइनीज़ व्यंजन आसानी से उपलब्ध है।

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बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

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