Home राज्य चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे 18 मई 2024 को

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे 18 मई 2024 को

0
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे 18 मई को

गंगोत्री: चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट इस साल 18 मई 2024 को खुलेंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि पंचांग गणना के बाद यह तिथि तय की गई है। रुद्रनाथ मंदिर समुद्र तल से 3,552 मीटर (11,654 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और यह चार धामों में से सबसे कम ऊंचाई वाला मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे चतुर्थ केदार के रूप में जाना जाता है।

मंदिर के कपाट हर साल अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं और दीपावली के बाद भाई दूज के दिन बंद हो जाते हैं। इस साल अक्षय तृतीया 16 मई को है, लेकिन मंदिर समिति ने कपाट खोलने की तिथि 18 मई 2024 तय की है। उनियाल ने बताया कि मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मंदिर परिसर की साफ-सफाई और मरम्मत का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर का महत्व:

रुद्रनाथ मंदिर चार धामों में से एक है और इसे चतुर्थ केदार के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है। अन्य चार केदार हैं:

  1. केदारनाथ
  2. महादेव
  3. तुंगनाथ
  4. मदमहेश्वर

मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां रुद्र रूप में निवास किया था। यह मंदिर पांडवों द्वारा भी बनाया गया था।

रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचें:

रुद्रनाथ मंदिर गंगोत्री से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गंगोत्री से मंदिर तक पैदल या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। यात्रा मार्ग में घने जंगल, ऊंचे पहाड़ और नदियां हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

इसे भी पढ़े: उत्तराखंड के धाम | उत्तराखंड के चार धाम

मंदिर दर्शन का समय:

मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

आवास:

मंदिर के पास कुछ धर्मशालाएं और होटल हैं जहां श्रद्धालु ठहर सकते हैं।

यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:

  • मंदिर 3,552 मीटर (11,654 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए ऊंचाई वाली बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतें।
  • गर्म कपड़े साथ ले जाएं क्योंकि मंदिर क्षेत्र में मौसम ठंडा रहता है।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी और भोजन साथ ले जाएं।
  • प्लास्टिक का उपयोग न करें और मंदिर परिसर को स्वच्छ रखें।

Exit mobile version