कोई अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास की सजा तथा 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
कोई स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पाया जाता है तो ,तीन वर्ष का कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने निश्चित किया है।
कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
– यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
– अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी।
उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून के अनुसार ,अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।
इन्ही प्रावधानों के आधार पर उत्तराखंड के नक़ल विरोधी कानून को देश का कठोर कानून कहा जा रहा है।