आपुण मन कैं  समुन्दर जस  रखो, तब  देखिया नदी  आपुण आप  मिलेहेते आलि।

दगडयो बडू  सोचिल्या त बडू  होलू । अर छोटू  सोेचिल्या वखी रे  ज्यैल्या जनी को  तनि।