Thursday, March 28, 2024
Homeसमाचार विशेषउत्तराखंड मांगे भू कानून | सोशल मीडिया से रोड पर उतरा उत्तराखंड...

उत्तराखंड मांगे भू कानून | सोशल मीडिया से रोड पर उतरा उत्तराखंड भू कानून आंदोलन | क्या है उत्तराखंड का भू कानून || bhu kanoon Uttarakhand | Uttarakhand need lands low

Uttrakhand bhu kanoon उत्तराखंड के लोग  मांग रहें हैं, उत्तराखंड के लिए  एक सशक्त भू- कानून । आज कल सोशल मीडिया पर उत्तराखंड मांगे भू कानून ट्रेंड कर रहा है। सभी उत्तराखंडियों की एक ही कोशिश है, कैसे भी वर्तमान सरकार के कानों में में ये बात पहुँचे। लगातार कई दिन रोज उत्तराखंड मांगे भू कानून ट्रेंड कर रहा है। अब उत्तराखंड भू कानून आंदोलन सोशल मीडिया से रोड पर उतरने लगा है। उत्तराखंड में कई जगह पर युवा रोड पर

उत्तराखंड भू-कानून क्यों मांग रहा है ?|Bhu kanoon Uttarakhand kya hai ?

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 तक उत्तराखंड में  अन्य राज्यों के लोग, केवल 500 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकता था। 2007 में  यह सीमा और घटाकर  250 वर्गमीटर कर दी थी। 6 अक्टूबर 2018 में सरकार अध्यादेश लायी और “उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम,1950 में संसोधन का विधेयक पारित करके, उसमें धारा 143 (क) धारा 154(2) जोड़ कर पहाड़ो में भूमिखरीद की अधिकतम सीमा समाप्त कर दी।

उत्तराखंड का भू कानून बहुत ही लचीला है। जिसके कारण यहाँ जमीन देश  का कोई भी नागरिक आसानी से खरीद सकता है,बस सकता है। वर्तमान स्थिति यह है, कि देश के कोई भी कोने से लोग यहाँ जमीन लेकर रहने लगे हैं। जो उत्तराखंड की संस्कृति , भाषा रहन सहन, उत्तराखंडी समाज के विलुप्ति का कारण बन सकता है। धीरे धीरे यह पहाड़ी जीवन शैली ,पहाड़वाद को विलुप्ति की ओर धकेल रहा है। इसलिए सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय लोग, एक सशक्त , हिमांचल के जैसे भू कानून की मांग कर रहें हैं।

यहाँ के कुछ लोग, क्षणिक धन के लालच में अपनी पैतृक जमीनों को, अन्य राज्य,अन्य समाज के लोंगो को बेच रहे हैं। उन लोगो को या तो भविष्य का ये  भयानक खतरा,जो हमारे गढ़वाली, कुमाउनी भाई लोगो को नही,दिख रहा, या फिर पैसे के लालच में जानबूझकर अपनी कीमती जमीनों को बेच रहे हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए,कुछ सामाजिक कार्य कर्ता, अन्य युवा मिल कर उत्तराखंड के लिए नए और सशक्त भू कानून की मांग कर रहे हैं। इसी लिए ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर , उत्तराखंड मांगे भू कानून ट्रेंड कर रहा है। अब यह मांग सोशल मीडिया से जमीन में उतरने लगी है।

Best Taxi Services in haldwani

उत्तराखंड मांगे भू कानून | सोशल मीडिया से रोड पर उतरा उत्तराखंड भू कानून आंदोलन | क्या है उत्तराखंड का भू कानून || bhu kanoon Uttarakhand | Uttarakhand need lands low

क्या है हिमाचल का भू-कानून  –

1972 में हिमाचल राज्य में एक कानून बनाया गया,जिसके अंतर्गत बाहरी लोग ,अधिक पैसे वाले लोग ,हिमाचल में जमीन न खरीद सकें। उस समय हिमाचल के लोग इतने सम्पन्न नहीं थे,और यह आशंका थी,कि हिमाचली लोग,बाह्य लोगो को अपनी जमीन बेच देंगे,और भूमिहीन हो जाएंगे। और हिमाचली संस्कृति को भी  विलुप्ति का खतरा बढ़ जाएगा।

हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री और हिमांचल के निर्माता, डॉ यसवंत सिंह परमार जी ने ये कानून बनाया था। हिमांचल प्रदेश टेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट 1972 में प्रावधान किया था।

एक्ट के 11वे अध्याय में  control on transfer of lands में धारा -118 के तहत हिमाचल में कृषि भूमि नही खरीदी जा सकती, गैर हिमाचली नागरिक को यहाँ, जमीन खरीदने की इजाजत नही है।और  कॉमर्शियल प्रयोग के लिए आप जमीन किराए पे ले सकते हैं।

2007 में धूमल सरकार ने  धारा -118 में संशोधन कर के यह प्रावधान किया था,कि बाहरी राज्य का व्यक्ति जिसे हिमाचल में 15 साल रहते हुए हो गए हों,वो यहां जमीन ले सकता है। इसका बहुत विरोध हुआ, बाद में अगली सरकार ने इसे बढ़ा कर 30 साल कर दिया। (Bhoo kanoon Uttarakhand )

उत्तराखंड भू कानून को धारा 371 में शामिल किया जाय || क्या है धारा 371 और किन राज्यों में लागू है ? || Article 371 in Uttarakhand bhu kanoon

उत्तराखंड की कई हस्तियां एवं राजनेताओं ने उत्तराखंड भू कानून पर अपने विचार दिए।

Uttarakhand bhu kanoon की मांग अब तेज हो रही है। उत्तराखंड के युवावों द्वारा शुरू किए गया डिजिटल आंदोलन,गति पकड़ने लगा है। कला क्षेत्र की कई हस्तियों ने bhu kanoon को अपना समर्थन दिया है। जिसमे से प्रमुख हैं,  स्वरागिनी – उप्रेती सिस्टर्स, करिश्मा शाह, RJ पंकज जीना समाचार चैनल, देवभूमि डायलॉग आदि ,और कई दिग्गज राजनेताओं ने भू कानून उत्तराखंड पर अपने विचार व्यक्त किये। आप के नेता, कर्नल अजय कोठियाल, ने कहा कि उत्तराखंड में हिमाचल के जैसा bhu kanoon होना चाहिए। हम इस पर अध्ययन कर रहे हैं कि bhoo kanoon को और मजबूत कैसे करें ,  वही भाजपा प्रवक्ता सुबोध उनियाल कहते हैं, कि उत्तराखंड में पहले से ही भू कानून है।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी कहते है,कि, “उत्तराखंड में कृषि भूमि की रक्षा करनी चाहिए। कांग्रेस भू कानून समर्थन के साथ,भूमि सुधार कानून की पक्षधर भी है।

भाजपा सरकार ने वर्ष 2020 में भू कानून में बदलाव कर उत्तराखंडियत को कमजोर किया है, यहां तक गैरसैंण तक कि जमीन बाहर के लोग खरीद चुके हैं।( Uttarakhand bhu kanoon )

उत्तराखंड का काकड़ी घाट जहां, मिला स्वामी विवेकानंद को ज्ञान Read more……

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो मंत्रिमंडल में  उत्तराखंड भू कानून पर चर्चा करेंगे –

उत्तराखंड के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी ने राष्ट्रीय चैनलों को दिए साक्षात्कार में  कहा कि वो उत्तराखंड भू कानून पर मंत्रिमंडल में चर्चा करेंगे। बीबीसी , आजतक जैसे राष्ट्रीय चैनलों पर मुख्यमंत्री जी ने यह बात कही है।

हमारे फ़ेसबुक पेज देवभूमी दर्शन के साथ जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

उत्तराखंड भू कानून की मांग में अहम भूमिका निभा रहे हैं कंचन जदली लाटी आर्ट के कार्टून

मूल रूप से कोटद्वार पौड़ी निवासी कंचन जदली अपने डिजिटल कार्टूनों से उत्तराखंड भू कानून  को नई धार दे रही है। कंचन जदली के कार्टून महत्वपूर्ण हथियार बन रहे है , उत्तराखंड भू कानून की लड़ाई में। कंचन जदली लाटी आर्ट के नाम से डिजिटल आर्ट बनाती हैं।

17 जुलाई 2021 को देहरादून में मानव श्रंखला बना कर की  भू कानून की मांग –

Uttarakhand bhi kanun की लड़ाई अब सोशल मीडिया से उतर कर रोड में आ गई है। उत्तराखंड के लोग, मुख्यत उत्तराखंड के युवा अब अपनी मांग को लेकर बाहर भी निकलने लगे हैं। सारे उत्तराखंड से लोग अपनी छोटी छोटी, वीडियो क्लिप बनाकर , उत्तराखंड भू कानून ( uttarakhand bhu kanun ) की मांग कर रहे हैं। कई लोग अपनी , उत्तराखंड मागे भू कानून के नारों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।

इसी कड़ी में 18 जुलाई 2021 को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी देहरादून में कई युवाओं ने मानव श्रंखला बनाकर उत्तराखंड सरकार से भू कानून की मांग की।

अंत मे –

उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा, पलायन पर रोक,और उत्तराखंड को एक विकसित करने के लिए एक सख्त भू कानून जरूरी है। जब देश के एक राज्य हिमाचल में सख्त भू कानून बन सकता है तो उत्तराखंड क्यों नही ? आज कल उत्तराखंड के युवा सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर, उत्तराखंड मांगे भू कानून अभियान छेड़े हुए हैं।

उत्तराखंड के भू कानून आंदोलन में सब उत्तराखंडी भाई बहिन अपना साथ दें। (Uttarakhand bhu kanoon )

टीम देवभूमी दर्शन अपनी इस पोस्ट के माध्य्म से भू कानून आंदोलन को शुरू से कवर कर रही है। उत्तराखंड भू कानून से सम्बंधित जो भी नए अपडेट आ रहे हैं, हम उसे यहाँ अपडेट कर रहे हैं।

Follow us on Google News
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments