Monday, May 22, 2023
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हम लड़ने रयां बैणी, हम लड़ते रूलो | गिरीश तिवारी गिर्दा की प्रसिद्ध कुमाऊनी कविता | उत्तराखंड की जन आंदोलन कविता

आजकल उत्तराखंड में सोशल मीडिया पर भू कानून जन आंदोलन चल रहा है। लोग कई अलग अलग प्रकार से, भू कानून स्टेटस लगा कर अपनी मांग उठा रहे हैं । सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। #उतराखंड_मांगे_भू_कानून , उत्तराखंड मांगे भू  कानून। इस उत्तराखंड भू कानून आंदोलन पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध जनकवि गिरीश चंद्र तिवारी गिर्दा की कविता / गीत बरबस ही याद आ जाता है।

 

लीजिए आनन्द ले गिर्दा की कविता ” 

         

 

         “हम लड़ने रयां बैणी  “

 

  बैणी फाँसी नी खाली ईजा, और रौ नी पड़ल भाई।

मेरी बाली उमर नि माजेलि , दीलि ऊना कढ़ाई।।

मेरी बाली उमर नि माजेलि, तलि ऊना कड़ाई।

रामरैफले लेफ्ट रेट कसी हुछो बतूलो। 

हम लड़ते रयां बैणी , हम लड़ते रूलो।

हम लड़ते रया भुला, हम लड़ते रूलो।।

अर्जुनते कृष्ण कुछो, रण भूमि छो सारी दूनी तो।

रण बे का बचुलो , हम लड़ते रया बैणी हम लड़ते रूलो

हम लड़ते रया भुला, हम लड़ते रूलो।।

धन माएड़ि छाती, उनेरी धन तेरा ऊ लाल।

बलिदानकी जोत जगे, खोल गे उज्याल।।

खटीमा, मसूरी मुजेफरें कें, हम के भूलि जूलो।

हम लड़ते रयां बैणी , हम लड़ते रूलो।

हम लड़ते रुला, चेली हम लड़ते रूलो।।

कस होलो उत्तराखंड, कस हमारा नेता।

कसी होली विकास नीति, कसी होली ब्यवस्था।।

जड़ी कंजड़ी उखेलि भलीके , पूरी बहस करूलो।

हम लड़ते रयां बैणी , हम लड़ते रूलो।

सांच नि मराल झुरी झुरी पा, झूठी नि डोरी पाला।

लिस , लकड़ा, बजरी चोर जा नि फौरी पाला।।

जाधिन ताले योस नि है जो, हम लड़ते रूलो।

हम लड़ते रयां बैणी , हम लड़ते रूलो।

मैसन हूँ, घर कुड़ी हो भैसन हु खाल।

गोर बछन हु चरुहू हो, चाड़ पौथन हूँ डाल।।

धुर जंगल फूल फूलों, यस मुलुक बनुलो ।

हम लड़ते रयां बैणी , हम लड़ते रूलो।

हम लड़ते रूलो भूलि, हम लड़ते रूलो।।

हम लड़ते रयां दीदी, हम लड़ते रूलो।।

गिरीश तिवारी गिर्दा
उत्तराखंड मांगे भू कानून स्टेटस

मित्रों ये थी , गिरीश तिवारी गिर्दा की प्रसिद्ध कविता | आंदोलन गीत , हम लड़ते रयां , आप इसका प्रयोग उत्तराखंड भू कानून आंदोलन स्टेटस के रूप में कर सकते हैं। गिरीश तिवारी गिर्दा की ये कविता उत्तराखंड आंदोलन के समय भी प्रभावी थी ।आज भू कानून आंदोलन में भी पूरी प्रभावी है।

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इसे भी पढ़े – क्यों चल रहा सोशल मीडिया पर उत्तराखंड मांगे भू कानून ?

गिरीश तिवारी गिर्दा की कविता वीडियो में यहां देखें –

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